Essay Mains Paper - Civil Service Main Examination -IAS UPSC - 2015 - Final Selection Papers For Interview

 CS (Main) Exam,2015


निबन्ध 

 ESSAY 

 निर्धारित समय : तीन घण्टे                                                                              अधिकतम अंक : 250

 Time Allowed : Three Hours                                                               Maximum Marks : 250

  

प्रश्न-पत्र सम्बन्धी विशेष अनुदेश 

प्रश्नों के उत्तर देने से पहले निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें ।

 

प्रवेश-पत्र में प्राधिकृत माध्यम में निबन्ध लिखना आवश्यक है तथा इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू.सी.ए.) पुस्तिका के मुखपृष्ठ पर निर्दिष्ट स्थान पर करना आवश्यक है प्राधिकृत माध्यम के अलावा अन्य माध्यम में लिखे गए उत्तरों पर अंक नहीं दिए जाऐंगे । 

प्रश्नों के उत्तर निर्दिष्ट शब्द-संख्या के अनुसार होने चाहिए । 

प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में खाली छोड़े गए किसी पृष्ठ अथवा पृष्ठ के भाग को पूर्णतः काट दीजिए । 


QUESTION PAPER SPECIFIC INSTRUCTIONS 

Please read each of the following instructions carefully before attempting questions. 


The ESSAY must be written in the medium authorised in the Admission Certificate which must be stated clearly on the cover of this Question-cum-Answer (QCA) Booklet in the space provided. No marks will be given for answers written in medium other than the authorised one.

 Word limit, as specified, should be adhered to.

 Any page or portion of the page left blank in the Question-cum-Answer Booklet must be clearly struck off. 


UPSC APSC COMPULSORY MAINS PAPER -2015







 खण्ड A और B में  प्रत्येके से एक-एक चुनकर, दो निबन्ध लिखिए जो प्रत्येक लगभग 1000-1200 शब्दों में हो।

 Write TWO Essays, choosing ONE from each of the Sections A and B, in about 1000-1200 words each. 125x2=250 

खण्ड 'A' SECTION ‘A’ 

1.  किसी को अनुदान देने से, उसके काम में हाथ बँटाना बेहतर है।

Lending hands to someone is better than giving a dole. 

2. फुर्तीला किन्तु संतुलित व्यक्ति ही दौड़ में विजयी होता है  

Quick but steady wins the race. 

3. किसी संस्था का चरित्र चित्रण, उसके नेतृत्त्व में प्रतिबिम्बित होता है । 

Character of an institution is reflected in its leader. 

4. मूल्यों से वंचित शिक्षा, जैसी अभी उपयोगी है, व्यक्ति को अधिक चतुर शैतान बनाने जैसी लगती है। 

Education without values, as useful as it is, seems rather to make a man more clever devil.


खण्ड ‘B’ SECTION ‘B’ 


1. प्रौद्योगिकी, मानवशक्ति को विस्थापित नहीं कर सकती | 

Technology cannot replace manpower. 

2. भारत के सम्मुख संकट - नैतिक या आर्थिक | 

Crisis faced in India — moral or economic. 

3. वे सपने जो भारत को सोने दें । 

Dreams which should not let India sleep. 

4. क्या पूंजीवाद द्वारा समावेशित विकास हो पाना संभव है ? 

Can capitalism bring inclusive growth ?

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